शतकत्रयम् — 1.76
Original
Segmented
क्षीरेण आत्म-गत-उदकाय हि गुणा दत्ता पुरा ते ऽखिला क्षीर-उत्तापम् अवेक्ष्य तेन पयसा स्व-आत्मा कृशानौ हुतः गन्तुम् पावकम् उन्मनस् तद् अभवद् दृष्ट्वा तु मित्र-आपदम् युक्तम् तेन जलेन शाम्यति सताम् मैत्री पुनस् त्व् ईदृशी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्षीरेण | क्षीर | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| गत | गम् | pos=va,comp=y,f=part |
| उदकाय | उदक | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| गुणा | गुण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| दत्ता | दा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| ऽखिला | अखिल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| क्षीर | क्षीर | pos=n,comp=y |
| उत्तापम् | उत्ताप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवेक्ष्य | अवेक्ष् | pos=vi |
| तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| पयसा | पयस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृशानौ | कृशानु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हुतः | हु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| गन्तुम् | गम् | pos=vi |
| पावकम् | पावक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उन्मनस् | उन्मनस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
| आपदम् | आपद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| जलेन | जल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| शाम्यति | शम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सताम् | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| मैत्री | मैत्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| पुनस् | पुनर् | pos=i |
| त्व् | तु | pos=i |
| ईदृशी | ईदृश | pos=a,g=f,c=1,n=s |