शतकत्रयम् — 2.20
Original
Segmented
प्रणय-मधुराः प्रेम-उद्गाराः रस-आश्रय-ताम् गताः मूढ-प्रायाः प्रकाशय्-सम्मदाः प्रकृति-सुभगाः विस्रम्भ-आर्द्राः स्मर-उदय-दायिनी रहसि किम् अपि स्वैः आलापाः हरन्ति मृगी-दृशाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रणय | प्रणय | pos=n,comp=y |
| मधुराः | मधुर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| प्रेम | प्रेमन् | pos=n,comp=y |
| उद्गाराः | उद्गार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| रस | रस | pos=n,comp=y |
| आश्रय | आश्रय | pos=n,comp=y |
| ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गताः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| मूढ | मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
| प्रायाः | प्राय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रकाशय् | प्रकाशय् | pos=va,comp=y,f=part |
| सम्मदाः | सम्मद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रकृति | प्रकृति | pos=n,comp=y |
| सुभगाः | सुभग | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| विस्रम्भ | विस्रम्भ | pos=n,comp=y |
| आर्द्राः | आर्द्र | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| स्मर | स्मर | pos=n,comp=y |
| उदय | उदय | pos=n,comp=y |
| दायिनी | दायिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| रहसि | रहस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| स्वैः | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| आलापाः | आलाप | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| हरन्ति | हृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| मृगी | मृगी | pos=n,comp=y |
| दृशाम् | दृश् | pos=n,g=f,c=6,n=p |