शतकत्रयम् — 2.38
Original
Segmented
संसारे स्वप्न-सारे परिणति-तरले द्वे गती पण्डितानाम् तत्त्व-ज्ञान-अमृत-अम्भः-प्लव-ललित-धियाम् यातु कालः कथंचित् नो चेन् मूढ-अङ्गनानाम् स्तन-जघन-घन-आभोग-सम्भोगिन् स्थूल-उपस्थ-स्थली स्थगय्-कर-तल-स्पर्श-लीला-उद्यमानाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संसारे | संसार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्वप्न | स्वप्न | pos=n,comp=y |
| सारे | सार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| परिणति | परिणति | pos=n,comp=y |
| तरले | तरल | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| द्वे | द्वि | pos=n,g=f,c=1,n=d |
| गती | गति | pos=n,g=f,c=1,n=d |
| पण्डितानाम् | पण्डित | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| तत्त्व | तत्त्व | pos=n,comp=y |
| ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
| अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
| अम्भः | अम्भस् | pos=n,comp=y |
| प्लव | प्लव | pos=n,comp=y |
| ललित | लल् | pos=va,comp=y,f=part |
| धियाम् | धी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| यातु | या | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| कालः | काल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कथंचित् | कथंचिद् | pos=i |
| नो | नो | pos=i |
| चेन् | चेद् | pos=i |
| मूढ | मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
| अङ्गनानाम् | अङ्गना | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| स्तन | स्तन | pos=n,comp=y |
| जघन | जघन | pos=n,comp=y |
| घन | घन | pos=a,comp=y |
| आभोग | आभोग | pos=n,comp=y |
| सम्भोगिन् | सम्भोगिन् | pos=a,g=f,c=6,n=p |
| स्थूल | स्थूल | pos=a,comp=y |
| उपस्थ | उपस्थ | pos=n,comp=y |
| स्थली | स्थली | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| स्थगय् | स्थगय् | pos=va,comp=y,f=part |
| कर | कर | pos=n,comp=y |
| तल | तल | pos=n,comp=y |
| स्पर्श | स्पर्श | pos=n,comp=y |
| लीला | लीला | pos=n,comp=y |
| उद्यमानाम् | उद्यम | pos=n,g=m,c=6,n=p |