शतकत्रयम् — 2.79
Original
Segmented
शास्त्र-ज्ञः ऽपि प्रगुणित-नयः अत्यन्त-बाधा अपि बाढम् संसारे ऽस्मिन् भवति विरलो भाजनम् सत्-गतीनाम् येन एतस्मिन् निरय-नगर-द्वारम् उद्घाटयन्ती वाम-अक्षानाम् भवति कुटिला भ्रू-लता कुञ्चिका इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| प्रगुणित | प्रगुणित | pos=a,comp=y |
| नयः | नय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अत्यन्त | अत्यन्त | pos=a,comp=y |
| बाधा | बाधा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| बाढम् | बाढम् | pos=i |
| संसारे | संसार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| विरलो | विरल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भाजनम् | भाजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सत् | सत् | pos=a,comp=y |
| गतीनाम् | गति | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| येन | येन | pos=i |
| एतस्मिन् | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| निरय | निरय | pos=n,comp=y |
| नगर | नगर | pos=n,comp=y |
| द्वारम् | द्वार | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उद्घाटयन्ती | उद्घाटय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| वाम | वाम | pos=a,comp=y |
| अक्षानाम् | अक्ष | pos=a,g=f,c=6,n=p |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कुटिला | कुटिल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| भ्रू | भ्रू | pos=n,comp=y |
| लता | लता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| कुञ्चिका | कुञ्चिका | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |