शतकत्रयम् — 3.104
Original
Segmented
गङ्गा-तीरे हिमगिरि-शिला-बद्ध-पद्मासनस्य ब्रह्म-ध्यान-अभ्यसन-विधिना योगनिद्राम् गतस्य किम् तैः भाव्यम् मम सु दिवसैः यत्र ते निर्विशङ्काः कण्डूयन्ते जरठ-हरिणाः स्व-अङ्गम् अङ्गे मदीये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गङ्गा | गङ्गा | pos=n,comp=y |
| तीरे | तीर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| हिमगिरि | हिमगिरि | pos=n,comp=y |
| शिला | शिला | pos=n,comp=y |
| बद्ध | बन्ध् | pos=va,comp=y,f=part |
| पद्मासनस्य | पद्मासन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| ध्यान | ध्यान | pos=n,comp=y |
| अभ्यसन | अभ्यसन | pos=n,comp=y |
| विधिना | विधि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| योगनिद्राम् | योगनिद्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गतस्य | गम् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| भाव्यम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| दिवसैः | दिवस | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| निर्विशङ्काः | निर्विशङ्क | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| कण्डूयन्ते | कण्डूय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| जरठ | जरठ | pos=a,comp=y |
| हरिणाः | हरिण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| अङ्गम् | अङ्ग | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अङ्गे | अङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| मदीये | मदीय | pos=a,g=n,c=7,n=s |