शतकत्रयम् — 3.109
Original
Segmented
शय्या शैल-शिला-गृहम् गिरि-गुहा वस्त्रम् तरुणाम् त्वचः सारङ्गाः सुहृदो ननु क्षितिरुहाम् वृत्तिः फलैः कोमलैः येषाम् निर्झरम् अम्बु-पानम् उचितम् रत्यै तु विद्या-अङ्गना मन्ये ते परम-ईश्वराः शिरसि यरि बद्धो सेवा-अञ्जलिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शय्या | शय्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शैल | शैल | pos=n,comp=y |
| शिला | शिला | pos=n,comp=y |
| गृहम् | गृह | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| गुहा | गुहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वस्त्रम् | वस्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तरुणाम् | तरुण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| त्वचः | त्वच् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| सारङ्गाः | सारङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सुहृदो | सुहृद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ननु | ननु | pos=i |
| क्षितिरुहाम् | क्षितिरुह् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| फलैः | फल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| कोमलैः | कोमल | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| निर्झरम् | निर्झर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अम्बु | अम्बु | pos=n,comp=y |
| पानम् | पान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उचितम् | उचित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| रत्यै | रति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
| अङ्गना | अङ्गना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| ईश्वराः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| शिरसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| यरि | बन्ध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| बद्धो | न | pos=i |
| सेवा | सेवा | pos=n,comp=y |
| अञ्जलिः | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |