शतकत्रयम् — 3.34
Original
Segmented
आधि-व्याधि-शतैः जनस्य विविधैः आरोग्यम् उन्मूल्यते लक्ष्मीः यत्र पतन्ति तत्र विवृत-द्वार इव व्यापदः जातम् जातम् अवश्यम् आशु विवशम् मृत्युः करोत्य् आत्मसात् तत् किम् तेन निरङ्कुशेन विधिना यन् निर्मितम् सु स्थिरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आधि | आधि | pos=n,comp=y |
| व्याधि | व्याधि | pos=n,comp=y |
| शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विविधैः | विविध | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| आरोग्यम् | आरोग्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उन्मूल्यते | उन्मूलय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| लक्ष्मीः | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| पतन्ति | पत् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| विवृत | विवृ | pos=va,comp=y,f=part |
| द्वार | द्वार | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| व्यापदः | व्यापद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| जातम् | जन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| जातम् | जन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| अवश्यम् | अवश्यम् | pos=i |
| आशु | आशु | pos=i |
| विवशम् | विवश | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| मृत्युः | मृत्यु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| करोत्य् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| आत्मसात् | आत्मसात् | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| निरङ्कुशेन | निरङ्कुश | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| विधिना | विधि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यन् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| निर्मितम् | निर्मा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| सु | सु | pos=i |
| स्थिरम् | स्थिर | pos=a,g=n,c=1,n=s |