शतकत्रयम् — 3.63
Original
Segmented
परेषाम् चेतांसि प्रतिदिवसम् आराध्य बहुधा प्रसादम् किम् नेतुम् विशसि हृदय क्लेश-कलितम् प्रसन्ने त्वय्य् अन्तःसवयमुदितचिन्तामणिगणो विविक्तः सङ्कल्पः किम् अभिलषितम् पुष्यति न
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| परेषाम् | पर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| चेतांसि | चेतस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| प्रतिदिवसम् | प्रतिदिवसम् | pos=i |
| आराध्य | आराधय् | pos=vi |
| बहुधा | बहुधा | pos=i |
| प्रसादम् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| किम् | किम् | pos=i |
| नेतुम् | नी | pos=vi |
| विशसि | विश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| हृदय | हृदय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| क्लेश | क्लेश | pos=n,comp=y |
| कलितम् | कलय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| प्रसन्ने | प्रसद् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| त्वय्य् | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| अन्तःसवयमुदितचिन्तामणिगणो | विविक्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| विविक्तः | संकल्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सङ्कल्पः | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किम् | अभिलषित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अभिलषितम् | पुष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुष्यति | न | pos=i |
| न | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |